नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में रविवार सुबह ठंड के बीच लोग घरों से बाहर निकले और उन्होंने 71वें गणतंत्र दिवस की परेड देखी। इनमें सैकड़ों की संख्या में पुरुष, महिलाएं और बच्चे ऐसे रहे, जिन्होंने पहली बार गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत की सांस्कृतिक विविधता के साथ ही सैन्य कौशल का नजारा देखा।
कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के साथ ही घने कोहरे की एक धुंध सुबह शहर के ऊपर नजर आई, लेकिन वह भी राजपथ पर परेड देखने आई उत्साही भीड़ को नहीं रोक सकी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर सिर पर भगवा पगड़ी पहने दिखे। उन्होंने समारोह में पहली बार मुख्य अतिथि के रूप में यहां आए ब्राजील के राष्ट्रपति जायर मेसियस बोल्सोनारो का स्वागत किया।
हालांकि, तीसरी बार ऐसा हुआ है, जब ब्राजील के किसी राष्ट्राध्यक्ष ने गणतंत्र दिवस परेड की शोभा बढ़ाई। इससे पहले वर्ष 1996 और वर्ष 2004 में ब्राजील के राष्ट्रपति यहां इस मौके पर आए थे।
इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर राजसी परेड से पहले परंपरा को तोड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अमर जवान ज्योति न जाकर, पहली बार राष्ट्रीय वॉर मेमोरियल पर देश के लिए शहीद हुए जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित की।
इससे पहले, गणतंत्र दिवस के दौरान गणमान्य लोगों द्वारा सलामी के बाद पुष्पांजलि समारोह का आयोजन इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति में किया गया। बाद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान बजाया गया।
पहली बार नवनियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने भी गणतंत्र दिवस के मौके पर कार्यक्रम में हिस्सा लिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाईक तीनों सेना प्रमुख (थल, जल और नभ) व रक्षा सचिव अजय कुमार के साथ सीडीएस प्रोटोकॉल के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के पीछे खड़े रहे।