नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बर्खास्तगी की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका में यह मांग पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित रूप हमला करने मामले में केजरीवाल को आरोपी बनाए जाने की वजह से की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वी.कामेश्वर राव की खंडपीठ ने वकील हरिनाथ राम की याचिका को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि मामला अभी निचली अदालत के पास लंबित है और निर्वाचित प्राधिकारियों को इस तरह से हटाया नहीं जा सकता।
अदालत ने यह भी कहा कि केजरीवाल अब तक किसी अपराध में दोषी करार नहीं दिए गए हैं।
अपनी याचिका में वकील ने कहा कि निचली अदालत ने मुख्यमंत्री के खिलाफ दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया है। इसलिए, केजरीवाल के पास कानूनी व संवैधानिक रूप से मुख्यमंत्री के तौर पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
वकील ने अदालत से मामले में शामिल आरोपी मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री को हटाए जाने का निर्देश देने का आग्रह किया।
1986 बैच के आईएएस अधिकारी अंशु प्रकाश पर कथित तौर पर मुख्यमंत्री के आवास पर 19 फरवरी को हमला किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बीते साल अगस्त में आप के 11 विधायकों व केजरीवाल, मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।