बीजिंग/नई दिल्ली| चीन की राजधानी में ब्रिक्स देशों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में शिरकत करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षा के संदर्भ में सहयोग के स्तर को बढ़ाना आज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त बनाती है।
उन्होंने कहा, “यह बैठक भविष्य की दुनिया के लिए दिशा तय करेगी। शिक्षा सार्वकालिक और गैर-राजनीतिक एजेंडा है। इसमें किसी प्रकार के समझौते की नहीं, बल्कि सहयोग की आवश्यकता है। इसलिए आज की जरूरत है, शिक्षा के संदर्भ में सहयोग के स्तर को बढ़ाना।”
जावड़ेकर ने बीजिंग में बैठक आयोजित करने को लेकर चीन को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स नेटवर्क विश्वविद्यालय के अंतर्गत पांच देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका) के 12 विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध व नवोन्मेष के क्षेत्र में परस्पर सहयोग करेंगे।
जावड़ेकर का बीजिंग दौरा सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में भारतीय तथा चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध के बीच हुआ है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, प्राथमिकता के अनुसार पांच क्षेत्रों- संचार व सूचना प्रौद्योगिकी, अर्थशास्त्र, जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन तथा प्रदूषण और ब्रिक्स अध्ययन का चयन किया गया।
जावड़ेकर ने कहा, “भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार शिक्षा में सुधार कर रही है और फिर से प्राथमिकताएं तय कर रही है। स्कूली शिक्षा के अंतर्गत सीखने के स्तर पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है और विद्यार्थियों में रचनात्मकता बढ़ाने तथा जिज्ञासा व उत्सुकता जगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।”
मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि वंचितों और हाशिए के लोगों को समान अवसर प्रदान करने के लिए छात्रवृत्ति में वृद्धि, शिक्षा ऋण, शुल्क में छूट जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।