गोरखपुर। यूपी के गोरखपुर में करीब 30 साल पहले दो परिवारों के बीच एक थप्पड़ के बाद शुरू हुए खूनी खेल का सिलसिला आज तक जारी है। अब तक 12 जानें जा चुकी हैं।
नाच के दौरान जड़ा था तमाचा
गोरखपुर के सहजनवा इलाके के मल्हीपुर गांव में प्रदीप सिंह के पट्टीदारों ने मिलकर पिपरौली ब्लॉक के सुरेंद्र सिंह को एक तमाचा जड़ दिया। उसके बाद सुरेंद्र सिंह ने प्रदीप सिंह के परिजनों की हत्या कर दी। इन हत्याओं का आरोप सुरेंद्र सिंह पर लगा, फिर क्या था दोनों परिवारों के बीच शुरू हुआ गैंगवार, जो आज तक जारी है।
वहीं घटना के कुछ दिनों बाद पट्टीदारों की हत्या का बदला लेने के लिए प्रदीप सिंह ने ऋीपत दाढ़ी और सेतुभान समेत सात बदमाशों ने मिलकर सुरेंद्र सिंह और उनके सरकारी गनर की दिनदहाड़े जिला पंचायत गेट पर हत्या कर दी। इस हत्याकांड में सरकारी गनर की कारबाइन भी लूट ली गई। हत्या का आरोप प्रदीप सिंह पर लगा था।
मौत के खौफ ने बनाया डाॅन
सुरेन्द्र सिंह के दो बेटे थे। एक का नाम चंदवीर सिंह और दूसरे का सुधीर सिंह। पिता सुरेन्द्र सिंह की हत्या का बदला लेने के लिए चंदवीर सिंह ने प्रदीप सिंह के चाचा समेत 2 लोगों को मौत के घाट उतार दिया, क्योंकि प्रदीप सिंह की आखरी तमन्ना थी कि वो जब तक सारे परिवार को मौत की नींद नहीं सुला देता तब तक चैन से नहीं बैठेगा। वहीं सुधीर सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी प्रदीप सिंह के जानलेवा हमले से बचना।
सुरेंद्र सिंह का पुत्र सुधीर सिंह जब बड़ा हुआ तो उसने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए अपराध की राह चुनी और प्रदीप सिंह की हत्या की योजना बनाने लगा। जब इसकी जानकारी प्रदीप सिंह को हुई तो उसने 4 अगस्त 2004 को कचहरी में सुधीर सिंह के भाई चंद्रवीर सिंह को गोलियों से भून डाला। जवाब में सुधीर सिंह ने 2007 में प्रदीप सिंह के साले विपिन को मार डाला। इस मामले में सुधीर सिंह और छोटू सिंह अभियुक्त बने।
इस तरह प्रदीप सिंह और सुधीर सिंह के गैंग बने और गोरखपुर में गैंगवार भी हुए। वहीं आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय सुधीर सिंह गोरखपुर पुलिस की रिकार्ड में डी-2 गैंग का सरगना है।
सुधीर पर दर्ज हैं कई संगीन मामले
पिपरौली ब्लॉक प्रमुख सुधीर सिंह पर कैंट, शाहपुर, लखनऊ के अलावा जिले के अन्य थानों में 29 मामले दर्ज हैं। पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी के समर्थन से ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में वह विजयी हुआ था। फिलहाल सुधीर सिंह रेलवे के ठेकेदार को जान से मारने की धमकी के बाद गोरखपुर जेल में बंद है।
कौन है माफिया प्रदीप सिंह
सहजनवां इलाके के मल्हीपुर निवासी प्रदीप सिंह पुत्र राधेश्याम सिंह पर हत्या का आरोप है। ढाई दशक पूर्व पिपरौली के पूर्व प्रमुख सुरेंद्र सिंह की हत्या जिला पंचायत गेट पर कर दी गई थी। ब्लाक प्रमुख की हत्या के बाद बदमाशों ने गनर की कारबाइन भी लूट लिया था। सुरेंद्र सिंह के बेटे चंद्रवीर सिंह और सुधीर सिंह ने पिता की हत्या का बदला लेने की ठानी।
मुकदमे की पैरवी करने गए चंद्रवीर सिंह की कचहरी में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसमें प्रदीप सिंह और उसके सहयोगियों का नाम सामने आया। प्रदीप सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल प्रदीप सिंह जमानत के बाद जेल से बाहर आ चुका हैं।
प्रदीप पर हत्या और हत्या के प्रयास के दो दर्जन मामले पुलिस रिकार्ड में दर्ज हैं। कुछ दिनों पहले अवैध जमीन के कब्जे को लेकर कोर्ट ने माफिया प्रदीप सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद से वह फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं दोनों गैंग के सदस्य
माफिया प्रदीप सिंह और सुधीर सिंह गैंग के सदस्य हमेशा अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। इनके काफिले में अत्याधुनिक हथियार आटोमेटिक राइफल, 9MM पिस्टल से लैस बदमाश हमेश इन लोगों के साथ रहते हैं।
गैंगस्टर की होगी कार्रवाई-एसएसपी
इस मामले में गोरखपुर के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुध पंकज ने बताया कि अभी कुछ दिनों पहले माफिया सुधीर सिंह और उसके गैंग के 12 गुर्गों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। उसके पास से अत्याधुनिक हथियारों की खेप बरामद हुई थी। एसएसपी ने बताया कि हमारा मकसद दोनों ही गैंग के फायर पावर को कम करना है।