वॉशिंगटन : भारत में सड़क सुरक्षा को बड़ी समस्या करार देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए अमेरिका ने अपना प्रौद्योगिकी ज्ञान साझा करने की चुनौती से निपटने के लिए पूर्ण सहयोग का वादा किया है।
गडकरी ने अमेरिकी परिवहन सचिव एंथनी फॉक्स से मुलाकात और अमेरिकी कारोबारी समुदाय समेत दिन भर चली अन्य बैठकों के बाद भारतीय पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा हमारी सरकार की उच्चतम प्राथमिकता है। आज हमने अमेरिकी परिवहन मंत्री के साथ सड़क सुरक्षा के संबंध में अपनी समस्याओं की चर्चा की। अच्छी बात यह है कि मंत्री ने मुझे नियम, नियमन, साफ्टवेयर प्रणाली, प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष समेत हर किस्म के सहयोग का वादा किया। वे हमारे साथ हर तरह के सहयोग के लिए तैयार हैं।’ गडकरी ने स्वीकार किया भारत में सड़क सुरक्षा को बड़ी समस्या है और हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1,50,000 से अधिक लोग मरते हैं।
गडकरी ने कहा कि हम अमेरिका सरकार से विशेष तौर पर सड़क सुरक्षा और तेज-तर्रार यातायात प्रबंधन प्रणाली में मदद ले रहे हैं जिसे हम पूरे भारत में लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं सड़क सुरक्षा की स्थिति को लेकर बहुत परेशान हूं। अमेरिका ने भारतीय सड़क निर्माण, पुल और फ्लाइओवर के भारतीय संहिता के मानकीकरण में भी हर तरह का तकनीकी सहयोग प्रदान करने का भी वादा किया है।
उन्होंने कहा कि वे अपना अनुभव, अपने मौजूदा नियम और नियमन आदि हर तरह की चीज साझा करने के लिए तैयार हैं। भारत में हम सड़क दुर्घटना की उल्लेखनीय समस्या का सामना कर रहे हैं। हमारे यहां राष्ट्रीय राजमार्ग के तौर पर 96,000 किलोमीटर सड़क है और 40 प्रतिशत राष्ट्रीय यातायात इन दो प्रतिशत सड़कों पर है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बहुत दुर्घटनाएं होती हैं। इस बैठक के दौरान अमेरिका ने आंतरिक जलमार्गों के विकास में भी पूर्ण सहयोग का वादा किया। मंत्री ने यह भी कहा देश में नए राजमार्ग बन रहे हैं।
इनके अलावा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव रोहित कुमार सिंह ने राजमार्ग क्षेत्र में विशिष्ट निवेश के अवसरों को उजागर किया जबकि जहाजरानी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आलोक सचिव ने सागरमाला कार्यक्रम का ब्योरा साझा किया। सागरमाला, मंत्रालय की प्रमुख बंदरगाह केंद्रित विकास संबंधी पहल है ताकि लाजिस्टिक की लागत घटाई जा सके और निवेश, निर्यात तथा रोजगार कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत को अगले कुछ साल में नई सड़क, बंदरगाह, रेल मार्ग और हवाईअड्डा विकसित करने के लिए 1,000 अरब डालर की जरूरत है और अमेरिकी कंपनियों ने इस क्षेत्र के तेज विकास के लिए आवश्यक विशेषज्ञता और पूंजी दे सकती हैं।