इंदौर : आमतौर पर लोग मुसीबत और खतरे को सामने देख कर भाग जाते हैं, मगर इंदौर में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली दो आयुष महिला चिकित्सकों के हौसलों को मानवता के दुश्मनों के हमले भी परास्त नहीं कर सके हैं। यही कारण हैं कि ये महिला चिकित्सक अब हमला करने वाले इलाके में लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा कर रही हैं। उनके इसी जज्बे ने सभी का दिल जीत लिया है।
इंदौर के रानीपुरा इलाके के टाटपट्टी बाखल इलाके में हुए पथराव की घटना को लोग भूले नहीं है। कोरोनावायरस की महामारी ने मध्य प्रदेश में सबसे बुरा हाल इंदौर का कर रखा है और यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रशासन और स्वास्थ्य अमले के लिए वर्तमान स्थिति से निपटना बड़ी चुनौती है। इस कठिन दौर में सरकारी अमला अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं।
इसी बीच बुधवार दोपहर टाटपट्टी बाखल इलाके में स्वास्थ्य सर्वे करने पहुंचे दल पर भीड़ ने हमला बोल दिया था। इनमें दो महिला चिकित्सक डॉ. तृप्ति और डॉ. जाकिया भी थीं। दोनों ने किसी तरह अपनी जान बचाई थी और इसके बाद से सभी लोग डरे हुए हैं। प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया और इस घटना में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही चार लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई।
टाटपट्टी बाखन इलाके में पथराव की घटना ने कुछ डराने का काम जरूर किया, मगर हालात को सुधारने के लिए उतरे लोगों के हौसले को यह घटना पीछे नहीं धकेल पाई। जिस दल पर पथराव हुआ था, उसमें शामिल दो महिला चिकित्सक अपने अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के साथ अब भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। वे कहती हैं कि उस दिन तो भगवान का शुक्र था कि हम लोग बच गए। हमने तय किया है कि अपनी सेवाएं जारी रखेंगे और यह सिलसिला जारी भी है।
दोनों महिला चिकित्सकों के हौसले की कल्पना इसी से की जा सकती है कि वे नियमित रूप से उसी इलाके में जा रही हैं, जहां उन पर हमले की कोशिश हुई थी। डॉ. तृप्ति कहती हैं कि भगवान ने उन्हें बचाया और वह डरने वाली नहीं है। उनका जो धर्म है, उसे करती रहेंगी। वहां के लोगों का नजरिया बदला है और अब वे सहयोग कर रहे हैं।
जाकिया का हौसला भी उड़ान भर रहा है। उनका कहना है कि जान बची है, सेवा करने से उन्हें कोई रोक नहीं सकता। जो लोग पहले बात नहीं सुनते थे और लड़ने को तैयार रहते थे अब वे भी समझ गए हैं कि हम उनकी सेवा और रक्षा के लिए आ रहे हैं।
इन दोनों महिला चिकित्सकों से राज्यपाल लालजी टंडन ने भी फोन पर बात की है और उन्हें बेटी के तौर पर संबोधित किया है। साथ ही उनके हौसले और सेवा भाव की सराहना की है। इतना ही नहीं उन्होंने दोनों चिकित्सकों को भरोसा दिलाया है कि जब भी जरूरत हो वे उनसे संपर्क कर सकती हैं। राज्यपाल के संदेश से दोनों ही महिला चिकित्सक उत्साहित हैं और कहती हैं कि जब प्रदेश के राज्यपाल उनके साथ हैं तो वे अपनी सेवा से पीछे नहीं हटेगी।