कोलकाता। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था अगले 5-7 सालों में 1000 अरब डॉलर से अधिक की होगी, जबकि वर्तमान में इसका आकार 400 अरब डॉलर है।
मंत्री ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक सत्र में कहा, देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था फिलहाल 400 अरब डॉलर की है और आनेवाले 5-7 सालों में इसके 1000 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
उनके मुताबिक डिजिटल अर्थव्यवस्था के अंतर्गत संचार, आईटी और आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण, साइबर सुरक्षा, ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान जैसे उद्योग और सेवाएं आती हैं।
प्रसाद ने यह भी कहा कि पिछले तीन सालों में देश में 72 मोबाइल उत्पादन संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि एक लाख ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर कार्यक्रम के तहत ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2.5 लाख पंचायतों को जोड़ना है। इसके तहत बाकी बचे पंचायतों को साल 2018 के मध्य तक ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया जाएगा।
उन्होंने केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया कार्यक्रमों को परिवर्तनकारी पहल करार दिया और कहा कि ये भारत को एक प्रौद्योगिकी हब बना देंगे।
मंत्री ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक सत्र में कहा, देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था फिलहाल 400 अरब डॉलर की है और आनेवाले 5-7 सालों में इसके 1000 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
उनके मुताबिक डिजिटल अर्थव्यवस्था के अंतर्गत संचार, आईटी और आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण, साइबर सुरक्षा, ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान जैसे उद्योग और सेवाएं आती हैं।
प्रसाद ने यह भी कहा कि पिछले तीन सालों में देश में 72 मोबाइल उत्पादन संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि एक लाख ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर कार्यक्रम के तहत ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2.5 लाख पंचायतों को जोड़ना है। इसके तहत बाकी बचे पंचायतों को साल 2018 के मध्य तक ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया जाएगा।
उन्होंने केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया कार्यक्रमों को परिवर्तनकारी पहल करार दिया और कहा कि ये भारत को एक प्रौद्योगिकी हब बना देंगे।