रांची: सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 43 में से 24 विधायकों ने रघुबर दास सरकार द्वारा प्रतिपादित अधिवास नीति को गलत करार दिया है, जिससे पार्टी में हलचल पैदा हो गई है।
24 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को पत्र लिखकर इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति के गठन की मांग की।
एक जानकार सूत्र ने बताया, पत्र में अधिवास नीति, नियुक्तियों में आरक्षण और सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए जिलास्तर पर सूची तैयार करने के मामले की जांच के लिए एक विधानसभा की एक विशेष समिति के गठन की मांग की गई है।
पत्र के मुताबिक, अधिवास नीति में कई विसंगतियां हैं। इससे राज्य के जनजातीय और मूल निवासियों में गुस्सा है। पत्र में जबतक इन विसंगतियों को हल नहीं कर लिया जाता तब तक किसी भी प्रकार की नई नियुक्ति नहीं किए जाने की मांग की गई है।
राज्य सरकार ने 2006 में अधिवास नीति बनाई थी और तब से विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों द्वारा इसका बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है।
संवाददाताओं से बात करते हुए भाजपा विधायक योगेश्वर बतुल ने कहा, इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाना चाहिए। विशेष समिति अपनी रपट तीन महीने में दाखिल करे।
–
24 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को पत्र लिखकर इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति के गठन की मांग की।
एक जानकार सूत्र ने बताया, पत्र में अधिवास नीति, नियुक्तियों में आरक्षण और सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए जिलास्तर पर सूची तैयार करने के मामले की जांच के लिए एक विधानसभा की एक विशेष समिति के गठन की मांग की गई है।
पत्र के मुताबिक, अधिवास नीति में कई विसंगतियां हैं। इससे राज्य के जनजातीय और मूल निवासियों में गुस्सा है। पत्र में जबतक इन विसंगतियों को हल नहीं कर लिया जाता तब तक किसी भी प्रकार की नई नियुक्ति नहीं किए जाने की मांग की गई है।
राज्य सरकार ने 2006 में अधिवास नीति बनाई थी और तब से विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों द्वारा इसका बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है।
संवाददाताओं से बात करते हुए भाजपा विधायक योगेश्वर बतुल ने कहा, इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाना चाहिए। विशेष समिति अपनी रपट तीन महीने में दाखिल करे।
–