लखनऊ: यूपी की राजनीतिक गलियां गालियों में उलझी हुई है. सबसे पहले भाजपा के उपाध्यक्ष रहे दयाशंकर सिंह ने मायावती को गाली दी, जिसक बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया. लेकिन तब तक यूपी की राजनीति में गालियों का जवाब गालियों से दिया जाने लगा. मायावती के समर्थकों ने मर्यादा की सीमा को तार-तार कर दी.
मायावती के समर्थकों के बाद अब भाजपा समर्थक सड़क पर आ गए हैं. दयाशंकर सिंह को पार्टी से निकाल दिए जाने के बाबजूद पार्टी ने साफ किया है वो उनके परिवार के साथ है. आज बीजेपी राज्य भर में प्रदर्शन कर रही है. कल दयाशंकर सिंह के परिवार ने मायावती सहित पार्टी के महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बीएसपी के कुछ नेताओं पर केस दर्ज कराया.
बीते चार दिनों से उत्तर प्रदेश प्रदेश की राजनीतिक गलियों में घूम रही गालियों की शुरुआत 19 जुलाई से हुई थी. उस दिन लखनऊ से बलिया जाने के दौरान मऊ में बीजेपी के तत्कालीन उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मायावती को लेकर अपशब्द का इस्तेमाल किया. जवाब में सड़क पर उतरे बीएसपी के कार्यकर्ताओं ने गाली का जवाब गाली से देना शुरू दिया.
नतीजा हुआ कि जिस गाली का विरोध करने मायावती के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे थे उस गाली के फेर में खुद मायावती ही फंस गई. दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने आरोप लगाया कि बीएसपी वालों की गाली से उनकी 12 साल की बेटी बीमार हो गई है. इसके बाद कल लखनऊ में दयाशंकर के परिवार ने मायावती और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करा दिया. आईपीसी की धारा 153A यानी कटुता बढ़ाने वाला बयान. इसमें सजा 2 साल तक की होती है. धारा 504 यानी गाली गलौज करना इसमें भी 2 साल तक की सजा है. धारा 509 यानी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना. इसमें भी दो साल तक की सजा है. और ये तीनों जमानती धाराएं हैं.
इससे पहले मायावती की पार्टी के नेताओं ने दयाशंकर सिंह के खिलाफ भी इन्हीं धाराओं में केस दर्ज कराया था. बीजेपी से निकाले गए दयाशंकर सिंह की तलाश में पुलिस तीन दिन से यहां वहां छापेमारी कर रही है. लेकिन अब पूरा मामला 360 डिग्री पर घूम चुका है. बीजेपी अब मांग कर रही है कि मायावती उऩ नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर कार्रवाई करें, जिनकी मौजूदगी में दयाशंकर की बेटी के बारे में अपशब्द कहे गए.