पटना : बिहार में सरकार द्वारा पूर्ण शराबबंदी कर दी गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने इस फैसले को अभूतपूर्व बताते हुए पूरे देश में घूम-घूम कर शराबबंदी की अपील कर रहे हैं. लेकिन राज्य में शराबबंदी की पोल खुल गई है. राज्य के गोपालगंज जिले में शराब पीने से बारह लोगों की मौत की खबर आई है. लोगों का आरोप है कि शराब की वजह से मौत हुई है, लेकिन प्रशासन ने शराब से मौत से इनकार किया है और जांच के आदेश दिए हैं.
मरने वालों के घरवालों का आरोप है कि शराब पीने से सभी की मौत हुई है, लेकिन गोपालगंज पुलिस-प्रशासन का कहना है कि मौत शराब के कारण नहीं हुई है बल्कि बीमारी से हुई है. इस घटना के बाद शराब बेचने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. 12 लोगों की मौत की घटना मंगलवार की है. जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से चार लोग एक ही मोहल्ले के थे. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई लोगों को तो निजी अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है तो कुछ लोगों को गोरखपुर के अस्पताल में भी रेफर किया गया है.
राज्य में 12 लोगों की मौत ने बिहार सरकार के शराबबंदी की पोल खोल दी है. सरकार चाहे लाख दावे करे लेकिन यह सच्चाई अब सामने आ चुकी है कि शराब माफियाओं का धंधा अब भी जारी है. पहले खुलेआम शराब बिकती और मिलती थी. लेकिन जब से शराबबंदी लागू हुई है, शराबमाफियाओं ने चोरी-छुपे अपना धंधा चालू रखा है. इसकी आंड़ में वे लोग जहरीली शराब भी बेच रहे है. इसी का नतीजा है कि गोपालगंज जिले में शराब पीने से 12 लोगों की मौत हो गई.
शराब पीने से हुई मौत की घटना को रफा दफा करने में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से जुट गया है. आखिर यह सवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शान से जुड़ा हुआ है. पुलिस प्रशासन अभी तक इस मौत को संदिग्ध परिस्थतियों में हुई मौत ही बता रही है और जांच के नाम पर शराब की बात को दबाने का काम किया जा रहा है.